License Expired, Zindagi Not!

Ek pachaas saal ke runner ki kahani

एक दिन ट्रैफिक सिग्नल पर रुका था मैं,
एक कॉन्स्टेबल आया, बोला – “सर, लाइसेंस दिखाइए ज़रा यहीं।”
मैं बोला, “अरे भैया, मैं तो रनर हूँ, फिट हूँ, क्लीन हूँ,”
वो बोला, “तो क्या? आपका ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर है, ड्रीम हूँ?” 😳

बस वहीँ से रियलाइज़ेशन का झटका लग गया,
पचास के हो गए हम, और सिस्टम ने बोल दिया – “वनप्रस्थ स्टार्ट कर दिया!”
ना कोई केक, ना कैंडल्स, बस एक RTO का मेल,
“सर, रिन्यू करो लाइसेंस… वरना चालान मिलेगा वेल।”

पर सच कहूँ तो अंदर कुछ बदला है,
वक़्त के साथ पेशेंस और पौधों का प्यार बढ़ा है।
हर सुबह रन करता हूँ – हफ्ते में छह दिन की श्रद्धा से,
और फिर अपने बैकयार्ड के पौधों को पानी देता हूँ भक्ति से।

बीयर बेली? हाँ भाई, थोड़ी सी है,
रनर हूँ, सन्यासी नहीं – और हर टाइम सलाद भी नहीं! 😜
पर दिल और लंग्स आज भी सिंघम हैं,
बस घुटने कभी-कभी बोलते हैं – “रेस्ट डे का भी अपना सिस्टम है!”

वनप्रस्थ का मतलब अब जंगल जाना नहीं,
वो तो अंदर के शोर को शांत करना है कहीं।
कम कोलाहल, ज़्यादा चैन,
और सोशल मीडिया डिटॉक्स का भी मिला है सुकून का सीन।

बचपन के दोस्त मिले तो बोले,
“तू तो अब भी दौड़ रहा है, भाई तू तो आज भी भारी है!”
मैंने बोला, “ना रे, अब तो रेस खुद से है,
और जीत का मतलब है – हर दिन एक मुस्कान से पूरा हो जाए बस ये ख्वाहिश है।”

अब ना किसी से जलना, ना दिखावा करना,
बस थोड़ा गार्डन, थोड़ा गार्मिन, और ख़ुद पर भरोसा रखना।
और हाँ, लाइसेंस भी रिन्यू करवा लिया रे,
ज़िंदगी अभी बाक़ी है… क्रूज़ कंट्रोल पे, बिना डरे!

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Categorized as running

By Bhaskar Thakur

Bhaskar Thakur | Marathoner | Ultra Runner | Storyteller of the Road From mountain trails to city marathons, Bhaskar Thakur has run across terrains, temperatures, and time zones — with a grin, grit, and a Garmin. An avid runner since 2015, Bhaskar has completed over 50 races, spanning ultramarathons, full marathons, and half marathons, including legendary events like the Comrades Marathon (South Africa), TCS London Marathon, Valencia Marathon, and India’s grueling Khardung La Challenge.

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